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Chaughadia चौघड़िया मुहूर्त:

शीघ्रता में कोई भी यात्रा मुहूर्त न बनता हो या एकाएक यात्रा करने का मौका आ पड़े तो विशेषरूप चौघड़िया मुहूर्त का उपयोग है। लेकिन अब तो प्रायः हर आवश्यक शुभ कार्यारम्भ के लिए चौघड़िया मुहूर्त ने जनता के हृदय पर अपना सिक्का जमा लिया है।

दिन और रात के आठ-आठ बराबर हिस्से का एक-एक चौघड़िया मुहूर्त होता है। जब दिन-रात बराबर, यानी 12 घण्टे का दिन, 12 घण्टे की रात्रि होती है, तब एक चौघड़िया 1.5 घण्टा यानी पौने चार घड़ी का होता है, इसलिए इसका नाम चौघड़िया मुहूर्त पड़ा।

रविवार, सोमवार आदि प्रत्येक वार सूर्योदय से शुरू होकर अगले सूर्योदय पर समाप्त होता है एवं उसी समय से अगला वार आरम्भ हो जाता है। प्रत्येक वार सूर्योदय से सूर्यास्त तक का समय उस ‘वार’ का ‘दिनमान’ और सूर्यास्त से अग्रिम सूर्योदय तक का समय रात्रिमान’ होता है। दिनमान और रात्रिमान न्यूनाधिक भी (यानी दिन-रात छोटे-बड़े) हुआ करते हैं। ‘वार’ हमेशा 24 घण्टे यानी 60 घटी का होता है।

अतः जिस रोज का रात्रिमान जानना हो, तो उस रोज के दिनमान को 60 घटी में-से घटा देने पर रात्रिमान निकल आयेगा। अब जिस रोज दिन में यात्रा करनी हो, तो उस रोज दिनमान के अष्टमांश घटी-पल का घण्टामिनट बनाकर उस रोज के सूर्योदय में जोड़ते जायें तो क्रमशः उस दिन की आठों चौघड़िया में से कौन-सा ग्राह्य और कौन-सा त्याज्य है, यह ‘दिन’ की चौघड़िया के चक्र में उस दिन के ‘वार’ के सामने खाने में देखकर जान लें।

इसी प्रकार जिस दिन रात्रि में यात्रा करनी हो तो उस दिन के रात्रिमान के अष्टमांश घटी-पल का घण्टा-मिनट बनाकर सूर्यास्त समय में जोड़ते जाने से क्रमशः रात की चौघड़िया के चक्र में उस रोज के वार के सामने खाने में देखकर जान लें।

श्रेष्ठ समय-शुभ, चर, अमृत और लाभ की चौघड़िया का है।

अशुभ समय- उद्वेग, रोग और काल का होता है। इसको त्याग देना चाहिए। ढाई घटी का एक घण्टा तथा ढाई पल का 1 मिनट होता है। अतः घटी-पल का घण्टा-मिनट बनाने के लिए उसमें 5 का भाग देकर लब्धि को दूना कर लें।

प्रश्न 1: चौघड़िया मुहूर्त क्या है?

उत्तर: चौघड़िया मुहूर्त एक ज्योतिषीय तकनीक है जिसका उपयोग कार्यों और शुभ कार्यों के लिए समय चयन के लिए किया जाता है। इसे हिन्दी पंचांग में अंकित किया जाता है और यह दिन को छः पार्टों में विभाजित करता है।

प्रश्न 2: चौघड़िया मुहूर्त कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर: चौघड़िया मुहूर्त के चार प्रकार होते हैं। ये हैं: अमृत, शुभ, लाभ और चाल। इन चौघड़ियों का अलग-अलग महत्व होता है और ये विभिन्न कार्यों के लिए उपयुक्त माने जाते हैं।

प्रश्न 3: चौघड़िया मुहूर्त के अनुसार कौन-कौन से कार्यों के लिए शुभ होता है?

उत्तर: चौघड़िया मुहूर्त के अनुसार नीचे दिए गए कार्यों के लिए शुभ होता है:
नई शुरुआतें जैसे व्यापार आरंभ करना, यात्रा प्रारंभ करना आदि।
पदार्पण कार्य जैसे वस्त्र खरीदना, सदृश दान करना आदि।
विवाह, गृहप्रवेश, मुंडन, नामकरण आदि समारोह।

प्रश्न 4: चौघड़िया मुहूर्त के अनुसार कौन-कौन से कार्य अशुभ होते हैं?

त्तर: चौघड़िया मुहूर्त के अनुसार नीचे दिए गए कार्यों को अशुभ माना जाता है:
नए व्यापार की शुरुआत, नई सवारी खरीदना, नया घर खरीदना आदि।
नीचे या बिक्री मूल्य पर वस्त्र, चीजें खरीदना आदि।
अन्त्येष्टि आदि शोक संबंधी कार्य।

प्रश्न 5: चौघड़िया मुहूर्त का सही उपयोग कैसे किया जाता है?

चौघड़िया टाइमिंग को पंचांग से चेक करें और शुभ समय के लिए उपयोग करें।
कार्य के लिए चौघड़िया के अनुसार उपयुक्त दिन चुनें।
अगर संभव हो तो शुभ चौघड़िया में ही कार्य करें।
नकारात्मक चौघड़िया में कोई महत्वपूर्ण कार्य न करें या आवश्यकता हो तो निवारण कार्य करें।

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